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साला सोते-सोते भी देश की जनता को इस मोदी के पाखंड के बारे में याद आया तो सोचा सोने से पहले यह भी लिख दूं सुबह तक याद रहा ना रहा।
क्या करोना के बहाने देश में भुखमरी फैलाकर भारतीय खाद्य निगम के पूरे देश के सारे खाद्य भंडार जिनमें करोड़ों टन गेहूं चावल दाल आदि भरा हुआ पड़ा है। और राज्यों के सभी जैसे मध्य प्रदेश का एमपी वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स कॉरपोरेशन जो गेहूं की खरीदी करने से लेकर ज्वार, मक्का, दाल, चावल आदि की खरीदी भी करता है। इनमें भी लाखों टन गेहूं चावल दाल आदि भरा हुआ पड़ा है।
रेलवे स्टेशन, रेलवे कि कुछ रेलें, देश के 15 हवाई अड्डे, देश के बी ओ टी अंतर्गत देश के सभी राष्ट्रीय राजमार्ग की जो 60हजार किमी. और राज्यों की 2लाख किमी. राज्य मार्गों की सड़कें, ओएनजीसी, बीपीसीएल, एचपीसीएल, आईओसीएल, बैंकों, बीमा, जीवन बीमा निगम, नेशनल इंश्योरेंस, न्यू इंडिया इंश्योरेंस, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनियों, स्टेट बैंक व अन्य नवरत्न कंपनियों को नीलामी बिक्री पट्टे पर अपने पूंजीपति मित्रों टाटा अंबानी अडानी व अन्य राष्ट्रीय गौरव की कंपनियों को हस्तांतरित करने के बाद यह शॉपिंग माल वाले सूअरों को क्या अब खाद्य निगम बेंचने की जो सरकारी पैसों से खरीदे गए लाखों टन अनाज से भरे हुए पड़े हैं। सौंपने की तैयारी का षड्यंत्र है।
कोरोना की आड में लाकडाउन कर भूख से मरते हुए 100 करोड़ लोग जिन्हें पूर्व में खाद्य सुरक्षा अधिनियम बना सुरक्षा के नाम रचे षडयंत्र का हिस्सा है।
वैसे ही सोते-सोते याद आया तो मैंने कहा अपने अन्य पाठको पत्रकारों, शत्रु और मित्रों को सूचित कर दूं। ताकि शायद वे सब भी कोई नई जानकारी जोड़ सकें।
भेड़िए झुंड पार्टी के कसम राम की खाते हैं। देश की व जनता की तबाही बिना हम चैन नहीं लेंगे।
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