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पाखंडी मोदी की करोना की आड़ में पूरे राष्ट्र बंदी की कहानी। जैसा कि मैं 15 वर्ष पूर्व से लिख रहा हूं। केवल पूंजी पतियों की मोटे लाभ के लिए करवाई जा रही है। सारा माल रिलायंस, अदानी, अंबानी, टाटा, बिरला व अन्य बहुुराष्ट्रीय कंपनियोंं जिसमेंं वालमार्ट के भारतीय सहयोगी भी हैं।
उनके शॉपिंग मॉल्स बड़े-बड़े जिनमें अरबों रुपए का सामान भरा हुआ है। अब वह छोटी किराना दुकानों, बड़े ग्राहकों को अपनी मनमानी कीमत पर सबको बेच रहे हैं।
अदानी के साएलो के जो भंडार गृृृह हैं। येे हर जिले में एक-एक करके धीरे-धीरे पिछले 13 साल से बनाई जा रहे हैं। उनके निर्माण में कोई अवरोध ना आए और यह करोना की आड़ में देश बंदी की कहानी जिसमें सारी मंडियां बंद है और किसानों का लाखों करोड़ का माल बेचने के लिए खड़ा हुआ है। अरबों रुपए रोज की सब्जी उनकी खेतों में या मंडियों में पहुंचने से पहले बर्बाद हो रही है। जिलोंं के इन पूंजीपतियों के मासिक तनखैय्या कलेक्टर, निगमायुक्त, एस पी सेे लेकर मंत्रीयों, मुख्यमंत्रीयों तक सबको बांटते हैं।
उन सब पर इन सब पूंजीपति गिद्धों की निगाह लगी हुई है। कि वह माल कौड़ियों के भाव खरीद कर 10 से 100 गुना कीमत पर बेंच सकें यही सच है। और मेरे सच की पुष्टि खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति के संंलग्न पत्र ने स्पष्ट सिद्ध कर दी है।
मध्य प्रदेश आपूर्ति के मुख्यालय भोपाल से जारी किया यह पत्र मेरे हर लिखे इस पूर्णा वायरस के नाम पर देश को बंद कर केवल पूंजीपतियों का मोटा लाभ करवाने की कहानी मैंने पिछले 12 दिन से लिखी है वह सब को सही सिद्ध कर देगा।
यह सारा खेल पूंजी पतियों के लाभ के लिए अदानी के खाद्य भंडारण सायलो जिसमें सारा माल भरा जाता है। जो पूरे देश के हर जिले में सन् 2006-7 से स्टील के 30' ऊंचे रहे हैं
खेतों से इकट्ठा करके भंडारित करेगा। जो सायलों गोडाउन बनाने के लिए या जो भी निर्माण अवस्था में है उनको पूर्ण करने के लिए जो आदेश दिया गया है। उनके निर्माण के लिए मिट्टी गिट्टी निर्माण में काम आते हैं उनके कर्मचारियों को पूरी छूट दी गई है ताकि वह सारा माल खरीद कर और आम नागरिक को पूरे साल भर महंगी कीमतों पर गेहूं दाल चावल व अन्य कृषि उत्पाद अपनी मुंह मांगी कीमत पर बेच सकेगा।
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