चीनी महामारी-- चीन का कोरोना वायरस रासायनिक युद्ध रणनीति का हिस्सा। अन्य देशों का कब्जाने का षड़यंत्र

चीनी बीमारी से महामारी, यथार्थ में चीन का कोरोना वायरस केमिकल यह रासायनिक युद्ध नीति का हिस्सा है। जो चीन ने बुहान स्थित अपनी प्रयोगशाला में तैयार किए जा रहे हैं। कई वर्षों से। उससे कुछ ही दूरी पर वहां जहां पर एक करोड़ से ज्यादा की आबादी रहती है और एक महानगर है। धरती के सभी प्रकार के विविध जीव जंतुओं का जलचर नभचर और थलचर जीवो का चाइनीस लोग बड़े चाव से खाते हैं। बहुत बड़ा बाजार लगता है। कोई कर्मचारी जानबूझकर उसका प्रभाव जानने और समझने के लिए इस बायरश को बाजार में छोड़ गया। जिसकी पूरी खबर चीनी सरकार को है। इसीलिए वायरस से प्रभावित होने वाले लोगों के संबंध में जानकारी, जो दिसंबर से शुरू हो गया था। जिस डॉक्टर ने यह जानकारी सार्वजनिक की उसे ही चीन सरकार ने मरवा डाला। ताकि यह बात पूरी दुनिया में ना चल जाए कि चीन इस प्रकार के घातक रासायनिक युद्ध के लिए हथियार तैयार कर रहा है। जो आसानी से बड़ी आबादी को नष्ट करने में सक्षम है। आज उसके लक्षण बीमारियों की तरह फैल कर महामारी बन कर बड़ी आबादी को नष्ट करने में सक्षम है। इसीलिए चीन ने बुहान की सीमांओं को सील कर जानबूझकर लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया। उसके अस्पताल जो उसने मात्र दिखावे के लिये बनाए हैं। उनमें डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ व समुचित औषधियों तक का पता नहीं है। दुनिया की जनता को भ्रमित कर मुरझाए हुए हैं यथार्थ में उससे लाखों लोग पीड़ित होकर हजारों लोग मर चुके हैं जैसा कि लीसेंट एक बार तो जगजाहिर कर दिया। चीनियों के व्यवहार की नीचता जग जाहिर है। जो उसकी अपनी टेलीकॉम कंपनियों के सभी मोबाइल फोन से लेकर टावर व अन्य उपकरणों में उसके जासूसी उपकरणों को लगाकर पूरी दुनिया के लोगों की जासूसी करने से भी स्पष्ट है। इसके साथ ही चीनियों के दुनिया के सभी जानवरों जीव जंतुओं की खाने की कुप्रथा भी दुनिया को अच्छी तरह से ज्ञात है। यह सभी प्रकार के जानवरों को खाने पीने का कारोबार वह वर्तमान ही नहीं बल्कि शताब्दियों से करते चले आ रहे हैं। इसलिए बेहतर यह होगा दुनिया के सभी देशों के सभी नागरिकों के लिए उसके सस्ते माल के चक्कर में उसके हर सामान को छूना, खरीदना, घर में उपयोग में लाना पूर्णताः बंद कर दें। क्योंकि वह इस वायरस के फैलने से दुखी नहीं बल्कि आंतरिक रूप से भारी प्रसन्न होगा कि वह इस वायरस के प्रयोग से दुनिया के किसी भी देश में महामारी फैलाकर जनता को खत्म करने में सक्षम हो गया है। जो उसके दुनिया पर इंग्लैंड की तरह राज करने की सपने की निकट है। इसलिए उसने पूरी दुनिया में अपना माल बेचने के साथ अपनी 'वन बेल्ट वन रूट' रेल लाइन बिछाने की योजना पर भी काम चल रहा है। और उसे लाइन बिछाने के बाद वहां की आबादी को खत्म कर वहां की जमीन पर इस वायरस से आसानी से कब्जा किया जा सकता है। यह उसकी अन्य देशों पर कब्जा करने के लिए वहां की जनता को धीरे धीरे बीमारी फैला कर नष्ट करने की सामरिक रणनीति का हिस्सा है। इसी भारत की और दुनिया की जनता को समझना होगा और उसके हर प्रकार के माल को हाथ लगाना व उपयोग करना बंद करना होगा। यह उसके लिए प्रयोग हो सकता है। पर भारत और दुनिया के सभी देशों के लिए सावधान होकर जागृत होने और उसके माल का हर स्तर पर बहिष्कार करने का समय है। दूसरी तरफ प्रकृति बढ़ती हुई मानव आबादी को और मानव आबादी के द्वारा नष्ट की जा रही प्रकृति को बचाने का स्वयं मनुष्यों द्वारा निर्मित खेल का हिस्सा भी हो सकता है। चीन ने अपने 20 हजार कोरोना मरीजों को मारने के लिए कोर्ट से इजाजत मांगी है। ताकि इस महामारी पर रोक लगाई जा सके. हालांकि चीन के प्रशासन इसे पूरी तरह खारिज करते हुए सिर्फ झूठ करार दिया और कहा कि चीन की सरकार इस बीमारी से मजबूती के साथ लड़ रही है.
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