भोपाल,(पं.)एस.के. भारद्वाज)मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जनता को भ्रमित कर रहे हैं वह स्वयं नहीं चाहते कि माफिया राज समाप्त हो मैंने स्वयं अप्रैल 2019 में 1000 सबूतों के बंडल के साथ भोज मुक्त विश्वविद्यालय के संबंध में उसमें की गई आर्थिक, षडयंत्र की गड़बड़ियों के संबंध में विश्वविद्यालय के कुलपति श्री जयंत सोनवलकर के संबंध में प्रमाण स्वयं उपस्थित होकर उनके कार्यालय ने दिए थे यही नहीं उनके विभाग के उच्च शिक्षा मंत्री श्री जीतू पटवारी को दिए ,दो बार मुलाकात की इसके अलावा आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो के महानिदेशक श्री केएन तिवारी को मिलकर 1000 कॉपी का बंडल दो पेज का आवेदन स्वयं उपस्थित होकर उनके कार्यालय में दिया था । मगर विडंबना देखिए आज दिनांक 28 दिसंबर 2019 तक एक तिल भर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है जबकि इसके बाद में देवी अहिल्या बाई विश्वविद्यालय इंदौर में वहां के कुलपति ने जब मंत्री जीतू पटवारी का अनादर किया तो उसको तत्काल गाजे-बाजे के साथ हटा दिया ,वहीं दूसरी ओर भोज मुक्त विश्वविद्यालय में हुए आर्थिक अपराध ,अवैध नियुक्ति, तथा वर्तमान में भी श्री कमलनाथ जी के कार्यकाल में भी हुई अवैध नियुक्तियों के विषय को छूना भी नहीं चाहते ,आखिर क्या कारण है। बताया जाता है कि भोपाल की कांग्रेसी पूर्व महापौर के पति जो ऊर्जा विकास निगम में वरिष्ठ इंजीनियर है ,प्रभावशाली पद पर हैं लोकायुक्त के आरोपी हैं, वह मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह के नाम पर कार्यवाही रोकने के लिए दबाव बना रहे हैं तथा आम चर्चा तो यहां तक है कि उन्होंने श्री दिग्विजय सिंह से सिफारिश करा कर कानूनी कार्रवाई रुकवाने के नाम पर विश्वविद्यालय के कुलपति से लगभग ₹5000000/लिए हैं। इसमें कितनी सत्यता है इसका कोई प्रमाण तो नहीं मिल सकता, मगर संदेह निश्चित है कि साक्षात प्रमाण होने के बावजूद भी न तो कुलपति को हटाया गया, ना कोई कार्रवाई की गई ,न पत्रों का जवाब दिया गया, न आवेदक को सूचित किया गया ,तो संदेह तो पूरा है कि मुख्यमंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री रिश्वत केदबाव में अथवा प्रशासनिक प्रभाव में आकर कानून कार्रवाई करने की वजह जनता को माफिया माफिया का केवल गाना गा कर बेवकूफ बना रहे हैं । भविष्य में कोई कार्रवाई हो ऐसा अभी तक किसी भी प्रकार का संकेत भी नहीं मिला है इससे स्पष्ट है । कहीं वनमैन शो बन के अवैध काले कारोबार में हिस्सेदारी तो नहीं करना चाह रहे हैं ताकि अनवरत आने वाले समय में 5 - 10 साल तक अपनी अवैध तरीके से नजराना के रूप में वसूली चलती रहे और अपराधी भी नतमस्तक बने रहे।
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