पूरे देश के सभी शहरों के वर्तमान मुस्लिम नामों को बदलकर सहस्त्रों वर्ष पुरानी वास्तविक पुराने हिंदू नगरों के नाम से ही पुनः जाने जाना चाहिए।
वह इसलिए नहीं कि हमें मुस्लिमों को अपमानित करना है। वरन वह इसलिए कि हमारी देश की ऐतिहासिक संस्कृति पुरानी नगरों के हिंदू नामों को पुनः रखकर उनकी हिंदू संस्कृति और ऐतिहासिक परंपराओं को पुनः जागृत कर न केवल देश की आने वाली पीढ़ियों वर्ण पूरे विश्व की वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों को भी यह याद रहे कि मुस्लिम और ईसाइयों से पहले भी विश्व में हिंदू संस्कृति ही फैली हुई थी और सारा विश्व का आर्थिक नीतिक और सामाजिक परिवेश से वर्तमान युग तक आने की और आधुनिक बनने की परंपराओं में सहस्त्रों वर्षों पूर्व के भारत के ऋषि मुनियों के ज्ञान विज्ञान और उनकी सोच का ही परिणाम है।
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