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यह भेड़िया झुंड पार्टी का षडयंत्र भी हो सकता है कि भाजपा किसी भी हाल में किसी भी हिंदू संगठन को और राम मंदिर बनाने का श्रेय नहीं लेने दे सकती।
भाजपा के पाखंडीयों मोदी अमित शाह जब 44 बीएसएफ के जवान पूरे देश में चुनाव जीतने के लिए स्वयं ही मरवा सकते हैं स्वयं ही वायुसेना का हेलिकॉप्टर गिरवा सकते हैं।
तो मंदिर बनाने का श्रेय हिंदू महासभा के कमलेश तिवारी को जो राम मंदिर मुद्दे पर स्वयं ही मुकदमे में पक्षकार थे। सारी सुनवाई होने के बाद कमलेश तिवारी की हत्या पूर्णता सुनियोजित षड्यंत्र है।
अब भाजपा आसानी से पूरे देश में चुनाव जीतने के लिए चाहे वह महाराष्ट्र हरियाणा पंजाब कहीं पर भी हो कह सकती है कि उसने राम मंदिर का मुकदमा जीत कर मंदिर बनाया ताकि हिंदुओं के बरगला कर वोट लिये जा सकें।
उसने तो प्रवीण तोगड़िया को भी निपटाने की तैयारी कर दी थी।
लगातार धमकियां मिलने के बाद दी गई सुरक्षा हटाने का मतलब साफ है नाम भले ही मुस्लिमों का हो।
बिल्कुल वैसे ही जैसे कि कश्मीर में 44 सैनिकों की बस को उड़ा दिया गया। नाम आतंकियों का ही प्रचारित किया गया और आसानी से चुनाव जीतने का रास्ता साफ कर दिया गया जिसकी पोल विदेशी पत्रकार ने खोल कर रख दी थी। फिर भी रेलवे स्टेशन के चाय बेचने वाले जेब कट रेलवे का कबाड़ा बेचने वाले गुंडे मवालीओ तड़ीपार बेशर्म भेड़ियों के झुंड को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा।
योगी भी पूर्व का हिंदू महासभा का सांसद ही तो था।
जो वर्तमान में वहां का मुख्यमंत्री है। और अपने ही पार्टी के एक जुझारू संघर्षशील नेता, यह जानने के बाद में कि उसे चारों तरफ खतरा ही खतरा है।
उस पर मुस्लिमों ने 300 करोड़ से 51 लाख तक हत्या करने पर इनाम घोषित कर रखा है।
उसकी सुरक्षा नहीं की गई।
यह भेड़िया झुंड पार्टी का हिंदुत्ववादी असली चेहरा, जिसे अंधभक्त बिल्कुल नहीं समझेंगे।
तो एक हिंदू संगठन के नेता को मरवा कर यदि राम मंदिर जैसे मुद्दे को हथियाने का खेल कर भी दिया।
तो उन्हें क्या फर्क पड़ेगा। इसको मोदी के अंधभक्त आज मानेंगे तो और कल मानेंगे तो।
सच सामने आएगा ही।
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