सूचना अधिकार अधिनियम की चौदहवीं वर्षी
आज12 अक्टूबर है इसी दिन 2005 में पूरे देश में सभी सरकारों पर सूचना का अधिकार का कानून लागू किया गया था जो जनता के मौलिक अधिकारों का हिस्सा था सभी सरकारों पर लोकतंत्र के अंतर्गत जो अब लूट तंत्र बन चुका है यह दायित्व था कि भाई जोधन जनता से करूं के रूप में बसुलेगी उसका एक एक पैसे का हिसाब जनता को देना होगा सूचना के अधिकार की जो आत्मा थी वह पारदर्शिता थी पर यहां राष्ट्रपति भवन से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय सर्वोच्च न्यायालय उच्च न्यायालय से लेकर नीचे के सभी न्यायलय पुलिस विभाग सभी केंद्रीय विभागों के मंत्रालयों और राज्यों के सभी विभागों के मंत्रालयों को धारा 4 के अंतर्गत सारी जानकारी स्वमेव अपनी विभागीय साइटों पर डालनी थी पर 14 वर्ष गुजर जाने के बाद में भी सभी भ्रष्टाचार लूट और डकैती में आकंठ डूबे विभागों ने कोई भी जानकारी धारा 4 के अंतर्गत 17 बिंदुओं की जिसके अंतर्गत सारा धन का लेनदेन कर्मचारियों अधिकारियों के कार्य दायित्व आदि का विवरण डाला जाना चाहिए था आज तक इन सब के मालिक घोर भ्रष्ट जालसाज भारतीय प्रताड़ना सेवा के अधिकारी होते हैं अपने कुकर्मों, भ्रष्टाचारों, जालसाजियों, लूटपाट और जनधन को अपने मनमर्जी से अपने लाभ में उपयोग करने के लिए किए गए छल कपट को जनता से छुपाने के लिए अभी तक धारा 4 का पालन ढंग से और पूर्णता नहीं किया गया सरकार मैं बैठे यह सूकर जालसाज भारतीय प्रताड़ना सेवा के अधिकारी और उनके अंतर्गत बैठे सभी अधिकारी और कर्मचारी कुछ भी करें कुछ भी पाप करें जलसा जिया करें बहुत सत्ता के असली बेताज बादशाह हैं उनसे कोई जिम्मेदार न्यायालय प्रधानमंत्री कार्यालय मंत्री कोई पूछताछ नहीं करेगा।
परंतु इसके विपरीत जनता को लूटने परेशान करने अपने कुकर्मों से जनता का ध्यान हटाने यातायात नियमों के अंतर्गत, अंट शंट बिजली पेट्रोल डीजल गैस मैं लूट कर $30-40 करोड़ के रफाल को $1650 करोड़ में खरीद कर, रूस को एक अरब डॉलर अर्थात 72 अरब मात्र मोदी जनधन से लूटकर इसलिए ऋण के नाम पर दे रहा है ताकि मोदी ने जो अय्याशी रूस में जाकर की है उसके वीडियो देश दुनिया के सामने पुतिन रखकर सच को ना बता दे क्यों दुनिया में महान बनने वाले रूस को भारत के एक अरब डॉलर की क्या जरूरत पड़ गई या यह एक अरब डॉलर पुतिन चुपचाप अपने खाते में ट्रांसफर कर लेगा सूचना के अधिकार में यह बताया जाना चाहिए कि आखिर और उसको भारत के $1 की जरूरत क्यों पड़ रही है और भारत क्यों एक अरब डॉलर दे रहा है मुफ्त में इतना कबाड़ खरीदता तो है भारत।
20 25 साल पुरानी s-400 मिसाइल जोकि अब कबाड़ा हो चुकी है जिनका कोई उपयोग नहीं होगा जरूरी नहीं कि वह चलें भी इसके बावजूद मोदी रूस में जाकर क्यों लेकर आया देश का पैसा फालतू का था क्या सूचना के अधिकार में क्यों नहीं बताया जाता इसलिए सूचना के अधिकार को खत्म करना भेड़िया झुंड पार्टी की चांडाल चौकड़ी मोदी शाह राजनाथ और सीतारमण आदि की चाल है ताकि उनके कुकर्म कोई बात नहीं पकड़ ना पाए देश को नीलाम खरीदे रहे हैं वह वह कंपनियां जो कभी नवरत्न हुआ करती थी। जिसमें रेलवे, उसकी पटिया उसके रेलवे स्टेशन बीएसएनएल ओएनजीसी आईओसीएल बीपीसीएल एचपीसीएल राष्ट्रीय विमानपत्तन प्राधिकरण उसके हवाई अड्डे, एयर इंडिया जैसी अनेकों कंपनियां भेड़ियों ने लूट कर खाने के लिए नीलाम करना शुरू कर दिया है ओने पौने अपने बाप अंबानी अदानी टाटा बिरला आदि को आखिर इन कंपनियों की सारी जानकारियां धारा 4 में क्यों नहीं डाली गई सूचना के अधिकार में उनको कहां कितना घाटा हो रहा है कहां हो कैसे खरीदी कर रही है जनता को भी तो मालूम पड़े वह कहां कैसे हानि में आ गई और क्यों बेंचने की जरूरत पड़ रही है।
राष्ट्रीय राक्षस सेवक संघ के और मोदी के अंध भक्तों आखिर राष्ट्रीय संपत्तियां बेची जा रही हैं चीनी माल आयात करके देश के उद्योग बर्बाद किए जा रहे हैं कहां मर गया तुम्हारा वह स्वराज और स्वदेशी अपनाओ देश बचाओ का नारा क्या हुआ भागवत को ब्लैकमेल करके मोदी और शाह ने पूरी भाजपा को हड़प कर पूरे देश को नीलाम करना शुरू कर दिया क्या कर रहे हैं आप कब जागेंगे जब देश के 132 करोड लोग हाथ में कटोरा लेकर भीख मांगने खड़े हो जाएंगे बस आपके पाले हुए भेड़िए देश को लूट कर तबाह कर रहे हैं अपनी अय्याशी मौज-मस्ती मस्ती और विदेश यात्रा के लिए।
इसीलिए सूचना के अधिकार कानून का न्यायालयों से लेकर सभी शासकीय अधिकारी-कर्मचारी बलात्कार कर अपने आप को बचाने में लगे हुए हैं चौदहवीं बरसी मना लें उसकी।
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