इस विश्व व्यापी मंदी से बचने, त्याग दीजिये लेेन देेन के कार्डस सभी प्रकार के।
जनता और खास करके हमारी युवा पीढ़ी को आधुनिकता का पाखंड का दिखावा, तत्काल छोड़ देना चाहिए।
एटीएम, पेटीएम, ऑनलाइन पेमेंट खरीदी व बिक्री का आधुनिक होने का पाखंड त्यागने से नगदी आपके हाथ में रहेगी आपके हाथ से नगदी कम बंंटेगी, खरीदी में, भुगतान में, तो दुसरी तरफ तरलता चारों तरफ विद्यमान रहेगी। इस प्लास्टिक मुद्रा से अनावश्यक खरीदी से बचने के साथ ही इस पर लगने वाले शुल्क की जो हजारो रु प्रतिमाह होती हैैैै, बचत होगी।
दूसरी तरफ छद्म या आभासी तरलता यथार्थ में एक तरफ जनता को लूटकर, मुद्रा की कीमत को घटाने के साथ बड़ी कंपनियों को हर प्रकार से लाभ पहुंचा रही है। जो अनावश्यक खरीदी को बढावा देंंने के साथ खर्चो का भार बढाती है़ इसीलिए वह हर बात में उनकी सेवा का उपयोग करने पर कैश डिस्काउंट देती हैं।
कोई भी व्यापारी, कंपनियां, बैंक, डिस्काउंट देकर लुटने नहीं, लूटने बैठा है। आज नहीं तो कल। किसी बहाने, लालच में पहले फंसिये, फिर लुटिये।
एक तरफ जनता का डाटा, उसके रोजमर्रा की जिंदगी का आंकलन, जनता के लेनदेन की आदतें, आपके उठने-बैठने, खाने-पीने रहने सहने, जिंदगी का अंदाज सब कंपनियों के पास एकत्रित होने के साथ ही कंपनियों बैंकों के इन कार्डस जिसमें डेबिट क्रेडिट कार्ड एटीएम पेटीएम एयरटेल जिओ आदि बिचौलियों जो उपयोग करने वाले से मोटा धन जो सैकड़ों करोड प्रति दिन कमाने के साथ उनकी जिंदगी की गोपनीयता भी भंग कर रहे हैं। और अपने पर शिकंजा कसने के लिए उन्हें हथियार भी दे रहे हैं।
जिसे तत्काल आधुनिकता का पाखंड छोड़ हमारी युवा पीढ़ी और आमजन को त्याग देना चाहिए। नगद मुद्रा चलन में जितनी बार लेन-देन में आयेगी,जायेेगी, चलेगी उतने लोगों को कुछ ना कुछ रोजगार देगी।
जिसे तत्काल गहराई से समझ कर कैशलेस के पाखंड को सरकार ने भी त्याग दिया है। जनता को भी त्याग देना चाहिए। जो धन बचायेंगेेे दीर्घ समय मेंं मुफलिसी, धनाभाव में साथ देगा।
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