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दिग्गी दानव फिर करेगा कांग्रेस का सूपड़ा साफ
दिग्गी दानव ने पहले प्रदेश को बर्बाद कर कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर 15 साल तक कांग्रेस को सत्ता से दूर रखा।
अब जब फिर से भाजपा से त्रस्त जनता ने उसे चुन लिया तो एक बार कांग्रेस सत्ता में आ गई। कांग्रेस की सत्ता आते ही दानव को फिर प्रदेश को लूटने का मौका मिल गया। सबसे पहले उसने अपने बेटे को पहली बार में ही सबसे मलाईदार विभाग शहरीय विकास व आवास मंत्रालय का मंत्री बनवा दिया। जब कि उससे वरिष्ठ अनेकों विधायक कांग्रेसमें विद्यमान हैं। फिर सत्ता पर पकड़ बनाए रखने और नकेल कसने उसने अपने खास घोर भ्रष्ट अधिकारी सुधी रंजन मोहंती को जिसने हजारों करोड़ के भ्रष्टाचार हर विभाग में किए और एक विभाग को तो प्रदेश राज्य परिवहन निगम को उसने पूरी तरह से निचोड़ कर खत्म कर दिया। सारी बसें और संपत्तियां ठिकाने लगाकर प्रदेश की जनता को लुटवाने निजी बसों के हवाले कर दिया। जिसमें 800 से ज्यादा उसकी बसें थी। उसने उसी खास घोर भ्रष्ट जालसाज सुधी रंजन मोहंती को कमलनाथ की सरकार में मुख्य सचिव बनवा दिया। स्वभाविक सी बात है कि अब कहने को कमलनाथ मुख्यमंत्री हैं। परंतु उनका मुख्य सचिव इस दानव का खास चेला है। जो हर बात की खबर उसे देता है। सिंधिया खानदान की दिग्गी दानव से रंजिश आधी शताब्दी से ज्यादा पुरानी है। वह किसी भी हाल में कोई भी पद सिंधिया जैसे युवा ऊर्जावान नेता को प्रदेश के कांग्रेस संगठन में नहीं लेने देगा। चाहे सरकार कल की गिरती आज गिरे। फिर दिग्गी दानव ना केवल प्रदेश में नाथ की आड़ में सरकार चला रहा है। वरन प्रधान सचिवों, सचिवों से लेकर संभाग के आयुक्तों, जिला कलेक्टरों श्री विभागों के विभागाध्यक्षों से लेकर नीचे तक स्थानांतरण और पदस्थापना में भी मोटी कमाई करके अपने मनपसंद लोगों को बैठा रहा है।
दूसरी तरफ खनिज, शराब और रेती के अवैध व्यवसाय के बारे में तो उमंग सिंघार ने जो भी कहा सच ही कहा।
वैसे इस दानव की ईर्ष्या जालसाजी और कमलनाथ को ब्लैकमेल कर अपनी मोटी वसूली और सत्ता पर नियंत्रण की बीमारी को दूर करने के लिए दिल्ली का एम्स बुरा नहीं है।
ताकि कमलनाथ स्वतंत्रता पूर्वक जब तक कांग्रेस की सत्ता पर भाजपा अपनी तिरछी दृष्टि ना डालें तब तक शांति व विकास की नीति के साथ चलाई जा सके।
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