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यह है विद्युत कंपनियों की लूट और गरीब, सीधे-साधे ईमानदार उपभोक्ताओं से डकैती का सच।
इस लूट व डकैती का सबसे बड़ा अड्डा पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी और उसके अंतर्गत आने वाले 15 जिलों में ही सबसे ज्यादा चल रहा है। बाकी ग्वालियर, भोपाल में तो वहां पर पब्लिक पटक कर इन हरामखोर जालसाजों को मारती है।
इसलिए वहां पर कोई भी ज्यादा नौटंकी नहीं करता वहां पर बिल भुगतान हो या ना हो। फिर भी बिजली चालू रखनी पड़ती है वरना वहाँ की जनता घुसकर इन कंपनी के कर्मचारियों अधिकारियों को मारती ठोकते और इस डकैती को लेकर कार्यालयों में तोडफोड देती है। इसलिए वहां डर लगता है।वहां यह बदतमीजी नहीं करते।
इन इलेक्ट्रानिक मीटरों जिनमें कनेक्शन नहीं होने के बाद जिन्हें स्क्रैप में बेचा जा रहा है।
इसके बावजूद उसमे लगी बैटरी चार्ज होकर स्वयं आगे चलती और गिनती आगे बढती बताती रहती है। इस प्रकार जहां 40-50- 60 यूनिट आते थे।
वहां 200 से 400 यूनिट का बिल दिया जा रहा है। वहां पर जाकर बातचीत करने पर भी वहां बैठे सहायक यंत्री उपयंत्री सबको डांटते फटकार और बदतमीजी से पेश आते हुए कहते हैं।
जमा करो नहीं तो लाइट काट दी जाएगी। और ज्यादा बढ़ा बिल हुआ तो मकान नीलाम कर दिया जाएगा इसके चलते इन हरामखोरों ने चारों तरफ लूट का तांडव मचा रखा है सबसे ज्यादा राजस्व मध्यप्रदेश में केवल इंदौर की पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ही देती है और पूरे मध्यप्रदेश का घाटा केवल इंदौर की कंपनी से वसूला व समायोजित किया जाता है।
दूसरी तरफ बड़ी-बड़ी कंपनियों उद्योगों से ना केबल इंदौर पीथमपुर पूरे पश्चिमी मध्य प्रदेश के उद्योगों से सभी इंजीनियरों का महीना बंधा हुआ है।
इसलिए वहां यह कुछ भी नहीं कहते जहां करोड़ों रुपए की चोरी हर महीने की जाकर बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियां चलाई जा रही हैं।
जो नेताओं मंत्रियों अधिकारियों के निवेशित धन से चल रही हैं। प्रेस कंपलेक्स के सारे बड़े मिडिया माफिया के कनेक्शन बड़ी बड़ी अखबार चलाने वाली भू माफियाओं को भी इस प्रकार महीने का बिल देना पड़ता है। बस। वह कुछ भी करें विद्युत का पर। फिर इंदौर मुख्यालय में बैठे घूर भ्रष्ट इंजीनियर से लेकर भारती प्रसारण सेवा के प्रबंध संचालक तक हर महीने अरबों रुपए की वसूली कर हजम कर जाते हैं।
उनको यहां यही भ्रष्टाचार करने में बैठाया जाता है।
उसकी वसूली जनता पर इलेक्ट्रॉनिक मीटर थोप 2-3 गुना से 10गुना कर इस प्रकार से वसूली की जा रही है।
फिर कांग्रेसका यह मुख्यमंत्री कालिया नाग इसकी खुद के बिजली उत्पादन के संयंत्र हैं। अपनी मोटी कमाई के लिए 7% तक बिजली की कीमतें बढ़ाकर अब जनता का खून पीकर वसूली करेगा। जो मध्य प्रदेश सबसे ज्यादा बिजली उत्पादन करके पूरे देश में राजस्थान उत्तर प्रदेश दिल्ली को आपूर्ति करता है वहां यह सस्ती बिजली आपूर्ति करते हैं एक रुपए ₹2 प्रति यूनिट में परंतु जनता को यह शूकरों की औलाद पौने ₹5 से लेकर ₹12 प्रति यूनिट तक आपूर्ति करते हैं।
वैसे कालिया नाग और उसके सारे घोर बदतमीज भ्रष्ट और मक्कार मंत्री जो पूरे प्रदेश में भ्रष्टों को पालकर मोटी वसूली कर रहे हैं। और बहुत घमंड में आ चुके हैं। कितना भी कश लगा ले इनकी सरकार अगला बजट पेश नहीं कर पाएगी।।
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