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हर हर मोदी। हर लिया मोदी ने
आपका रोजगार व्यापार-व्यवसाय नोटबंदी और जीएसटी से अब तबाही मचा रहा है। घर घर मोदी।
जब मैं लिखता था।
कि अनपढ़ गंवार भूखे घोर लालची जाल साज गुजराती भेड़ियों मोदी और अमित शाह विकास पुरुष नहीं विनाश पुरुष है।
तब उसके अंधभक्त मुझे गालियां बकते थे।
पूरे देश की अर्थव्यवस्था चौपट हुई जा रही है। कहां है?
वो मीडिया के बिकाऊ, भांड और भडुवे उसकी विदेश यात्राओं के पोस्टर चिपकाते थे उसकी फर्जी तारीफों के गुण परिंदे बांध जनता को भ्रमित करते थे। लो हर हर मोदी ने हर लिया आपका सुखचैन दो वक्त की रोटी।
बैठा दिए करोड़ों मजदूर ने घर-घर मोदी ने
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