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आपको बता दें मिग-21 रूसी जहाज जो रूस में द्वितीय विश्व युद्ध के लिए बनाया था। रुस ने 1956 में 2,000 से ज्यादा मिग-21 जहाजों 20 वर्ष के उपयोग के बाद यह जखीरा कबाड़ के कब्रिस्तान में खड़ा कर दिया गया था। उस समय की तत्कालीन नेहरू सरकार उस कबाड़ को भी सोने के भाव में लगभग 900 जहाज 1962 में चीन के युद्ध को देखते हुए खरीद लाई थी। तभी से रूस की दोस्ती कबाड़ा खरीदने के कारण मजबूत हो गई थी। भारत से अभी भी मतलबपरस़्त फ्रांस, रूस और अमेरिका की दोस्ती भारत द्वारा उनके समय बाधित हथियारों विमानों, जहाजों, पनडुब्बियों, मिसाइलों, राडार व अन्य सामग्री खरीदने के लिए निभाई जाती है और गुजराती तेली मोदी इन तीनों देशों की यात्राएं अपनी बहादुरी दिखाने उस संबंध बढ़ाने की आड़ में कबाड खरीदने के लिए पहचाने जाते हैं। सब जानते हैं इसके पुराने इतिहास को इसकी बुद्धि शिक्षा और ज्ञान को इस फेंकू को कभी कोई चमकाता है कमी कोई चमकाता है और बदले में एक कबाड़ सोने के भाव खरीद लाता है।
उसकी खरीद की यह पोल ज्यादा ना खुले इसलिए ही उसने वित मंत्री के रूप में सीतारमण को बिठा दिया। ताकि यह जैसे चाहे जितना चाहे जहां से लूटे लुटाए खाए बर्बाद करे देश के नाम पर पिछले 6 सालों में लगभग डॉलर 20 लाख करोड़ से ज्यादा का कर्जा विदेशी बाजारों अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष विश्व बैंक एशियन विकास बैंक से ले चुका है। दूसरी तरफ भारत की रिजर्व बैंक से भी अभी तक उसके देश चलाने के गोपनीय फंड में से भी 18 लाख करोड़ ले चुका है। से देश का भला नहीं बरन अमेरिका रूस फ्रांस इजरायल व अन्य हथियार निर्माता देशों जिनके कबाड़ के रूप में जनता को चीन और पाकिस्तान का भय दिखाकर अनाप-शनाप बिना किसी मूल्यांकन बिना किसी प्रतियोगी उत्पादक के हथयिार देखे अभी तक कम से कम 20 लख करोड़ों के से ज्यादा की खरीदी कर चुका है यह। इसीलिए इन हरामखोर जालसाजों ने सूचना के अधिकार को पंगु बना कर अपने मनचाहे घोर भ्रष्ट नेताओं अधिकारियों को सूचना आयुक्त के रूप में नियुक्ति करने के लिए उस कानून को ही बदल दिया।
तीनों सेनाओं का एक चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बनाना चाहता है। ताकि मेक इन इंडिया को बलाये ताक रख कर एक ही के इसारे पर तीनों सेनाओं की मनचाही 10 से 50 गुना ज्यादा कीमतों पर हथियारों की खरीदी की जा सके।
चीफ साहब केवल अंबानी अडानी टाटा बिरला आदि उद्योगपतियों और चुनावी खर्च देने वालों के अंधभक्त सेवक हैं।
वहीं अमेरिका पाकिस्तान को $860करोड़ में उधारी पर 18 F16 देता है। और हमारा पाखंडी$ 50 करोड़ के 1 राफेल को $1650करोड़ में अंबानी के माध्यम से जिसे कांग्रेस अपने विदेशी बिचौलियों के माध्यम से $550करोड़ में खरीद रही थी। चोर दोनों ही।
जनधन है। कम पड़े तो रेलवे, एयरपोर्ट इंडिया, बी एस एन एल पेट्रोल कंपनियों विद्युत कंपनियों व जो सरकारी संपत्तियों को बेचो, गिरवी करो दो।
मनचाहा आयकर विक्रय कर पेट्रोल डीजल में चौगुनी लूट जनता से वसूले। फिर भी पेट ना भरे तो तू उल्टी-सीधी स्तरहीन सड़कों पर जनता के ऊपर यातायात के नियमों को बहाने दो से 10 गुना पेनल्टी लगाकर लूटो नहीं मिले तो जेल में अंदर सडा दो दहशत फैलाओ। फिर लूटो।
फिर जैसे चाहो आज ही लूटो खाओ। कल का क्या भरोसा।
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