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भोपाल ( पं.एस.के. भारद्वाज) कमलनाथ सरकार का जमीर कब जागेगा गद्दी संभाले हुए 8 महीने बीत गए ना भ्रष्टाचार पर कोई अंकुश लगाया और ना ही उस संबंध में कभी सोचने का भी विचार किया ।चुनाव के दौरान किये हुए अपने वचन पत्र में लिखी हुई सारी बातें केवल खोखरी ही नजर आ रही हैं । जिस शिवराज सिंह चौहान ने फरार वारंटी रहते हुए 12 साल गुजारे और अपने पाप और को कर्मों को दबाने के लिए भ्रष्टाचारियों का उत्पादन किया प्रदेश की जल जंगल जमीन को लूटा पाऊ पाऊ वाले भैया से लेकर के हवाई जहाज वाले सुपरमैन तक की कहानी पूरा देश जानता है। अपने अति महत्वाकांक्षी इरादों के कारण अनेकों पत्रकारों की हत्या कराई हजारों को जेल के अंदर ठूंसा । ना जाने कितने बेगुनाहों को यातनाएं दी सरकारी मशीनरी के माध्यम से उसका दुरुपयोग करते हुए लूट चोरी कराई फर्जी मुकदमे दर्ज कराए और हरामखोरी यही नहीं ठहरी, मध्य प्रदेश के प्रगाढ़ विद्वान पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सफेद शेर के नाम से जाने जाने वाले स्वर्गीय श्रीनिवास तिवारी एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह जी को षडयंत्र पूर्वक राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के कारण भोपाल के थाना जहांगीराबाद में आरोपी बनाकर 4 घंटे बिठाया था। विश्वव्यापी व्यापम घोटाले के बारे में सभी भली-भांति सभी अवगत हैं ना जाने कितनों की जाने इसमें गई कितने परिवार बर्बाद हुए ऐसे ही हजारों कहानियां का इतिहास पिछले 15 सालों में सिंह चौहान द्वारा रचा गया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्री कमलनाथ ने जब मध्य प्रदेश की कमान संभाली थी तो लगा था कि शायद कुछ बदलाव आएगा प्रदेश की जनता ने भरोसा करते हुए इन्हें स्वीकारा इनको सत्ता दी इनको सम्मान दिया और आज तक देती आ रही है इस भरोसे पर कि शायद भाजपा सरकार के किए हुए पापों को कुछ साफ करेंगे मगर अफसोस स्वाधीनता पर्व 2019 में देख रहे हैं कि श्री कमलनाथ ने कांग्रेस का अध्यक्ष पद लेकर जो वादे किए थे मुख्यमंत्री बनने के बाद उसके विपरीत ही कार्य किए हैं भ्रष्टाचारियों को सजा देने के बजाए,उन्हें गले लगाया है अपनी टीम में शामिल किया है कांग्रेसी कार्यकर्ता आज भी सड़क पर ही हैं भाजपा सरकार के कार्यकाल में जमे हुए भ्रष्ट अधिकारी मंत्रियों के निजी सहायक विशेष सहायक और उनके खास लोग जो पहले भाजपा के मंत्रियों के लिए काम करते थे वह आज उसी भाजपा के इशारे पर काम कर रहे हैं और नौकरी कांग्रेसी मंत्रियों के दफ्तरों में कर रहे हैं। भ्रष्टाचार और अपराध को देखकर लगने लगा है जैसे पहले भ्रष्टाचार एक नीतिगत तरीके से किया जाता था उस नीति को कमलनाथ सरकार ने अपना लिया है। और उसका विधिवत पालन, उसका संरक्षण देकर के सरकार के संवैधानिक पदों पर बैठे हुए हर मंत्री और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी बिना किसी विघ्न के बिना किसी भय के बिना किसी दबाव प्रभाव के स्वच्छंद होकर कर रहे हैं। यह मध्य प्रदेश की जनता के साथ धोखा है फरेब है कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ यह गद्दारी है आज नहीं तो कल कांग्रेस में ही कार्यकर्ताओं और सरकार के बीच असंतोष फैलेगा और इसकी भविष्य में आया भयावह स्थितियां भी हो सकती हैं। प्रदेश में चुने हुए विधानसभा प्रतिनिधियों के नाम पर संतुलित मात्रा में विधायक हैं और सांसदों के नाम पर केवल एक कमलनाथ जी का बेटा है यह मध्य प्रदेश के लिए चिंतनीय विषय है कि कांग्रेस की सरकार रहते हुए भी कोई भी दूसरा एक भी सांसद नहीं जीत पाया यहां तककि ग्वालियर घराने के अभेद्य दुर्ग भी ढह गए या ढहा दिए ,वह भी भ्रष्टाचार के लिए अत्याचार के लिए प्रसिद्ध हो चुकी शिवराज की टीम से त्रस्त होने के बाद भी यह कैसे संभव हुआ यह निश्चित ही बहुत बड़ी योजना हो सकती है या कोई कमलनाथ सरकार की विफलता की नीति अथवा षड्यंत्र। स्वाधीनता पर्व के पारंपरिक अवकाश के बाद यदि वचन पत्र के वादे के अनुसार कमलनाथ सरकार काम नहीं करती है तो निश्चित मानिए कमलनाथ की गद्दी भी सुरक्षित नहीं रहेगी कांग्रेस का मध्य प्रदेश से विदाई होना तय है जिसके लिए संभावना यह भी हो सकती हैं कि कांग्रेस खंड खंड हो जाए और उसके कुछ धड़े भाजपा में मिलकर एक अलग सरकार का गठन कर ले । जैसी संभावनाएं बन रही है यह स्थितियां प्रदेश का लगभग हर नागरिक जानता है सरकार से आम जनता की बहुत कुछ ज्यादा अपेक्षाएं नहीं होती हैं उसे सुख चैन की दो जून की रोटी और जीवन यापन के लायक रोजगार की तलाश होती है । मध्यप्रदेश में लोगों का चयन सरकार की नीतियों ने छीना है , और उसके दोजून की रोटी प्रदेश के भ्रष्टाचारियों ने अपनी जेब में रख ली है , जिसके लिए जनता तिल तिल कर मर रही है कहीं कोई आत्महत्या कर रहा है कहीं कोई झगड़ा कर रहा है कहीं कोई फरियाद लेकर के मंत्रियों के बंगलों पर अधिकारियों के दफ्तरों पर गुहार लगा रहा है मगर सुनने वाला कोई नहीं है निश्चित ही यह कमलनाथ सरकार की विफलता है चिंतनीय है इस पर निश्चित ही काम करने की आवश्यकता है अन्यथा परिणाम अनुकूल नहीं रह सकते ,कमलनाथ किसी बहुराष्ट्रीय कंपनी के चेयरमैन के रूप में तो काम कर सकते हैं मगर प्रदेश के जनप्रतिनिधि के नाम पर फेल हैं शायद इनको आम आदमी के जीवन में नजदीक से झांकने का मौका नहीं मिला और ना ही कभी इस प्रकार की परिस्थिति आ रही हैं उच्चस्तरीय हाई प्रोफाइल जीवन यापन करने वाला व्यक्ति मध्य प्रदेश का जन नेता के रूप में कभी भी सफल नहीं हो सकता है, जो व्यक्ति आम जनता से स्वतंत्र रूप से न मिला हो, ना उसकी मिलने की इच्छा हो ,ना मिलने में विश्वास हो यहां तक कि आम कार्यकर्ता विशुद्ध समाजसेवक मीडिया कर्मियों से मिलने में भी परहेज करता हो ,हर समय संगीनों के साए में जीवन यापन करता हो, भला ऐसा मुख्यमंत्री कैसे जनता का भला कर सकता है यह स्वाधीनता पर पर आम जनता के लिए काग्रेस दल के लिए विचार करने विषय भी हो सकता है, वरना सरकारें तो आती हैं जाती है जिन्होंने जन्म लिया है उनकी मृत्यु भी निश्चित है बस आज के दिन तो हम खासकर रक्षाबंधन के पर्व पर पूर्णिमा के अवसर पर आप चिंता ना करें कल की चिंता करें आज तो हम ही कहेंगे मौज लो रोज लो ,नहीं मिले तो सरकार के खास भ्रष्टाचारियों, दलालों के बीच से खोज लो।
हम जलाते हैं चिराग उन मंजिलों के वास्ते जिनकी खो गई है राहें मिट गए हैं रास्ते l
जय हिंद जय भारत l
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