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मध्यप्रदेश में सड़कों पर डकैती डालने के लिए एक अलग से अटल की सरकार में राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण बनाया गया, तो दूसरी तरफ राज्यों में सभी राज्यों की सरकारों को सड़क विकास निगम बनाने की कार्रवाई की गई उसके अंतर्गत हमारे मध्य प्रदेश में अलग से म प्र सड़क डकैती विकास निगम बनाया गया जहां पर भारतीय प्रताड़ना सेवा के अधिकारी को प्रबंध संचालक बनाया गया। और उसके अंतर्गत हर संभाग में संभागीय प्रबंधक जोकि मध्य प्रदेश लूट निर्माण विभाग के ही घोर भ्रष्ट कार्यपालन यंत्री जो स्वंय लूटकर अपने प्रबंध संचालक से लेकर अपने प्रधान सचिव मुख्य सचिव मुख्यमंत्री और लूट निर्माण मंत्री व अधिकारियों को लुटा सके। बैठाये गये। मध्य प्रदेश की सभी बी ओ टी सड़कें यथार्थ में 4 गुनी लागत पर, ठेकेदारों के माध्यम से उन्हें 80% बैंक ऋण दिलवाकर जो वास्तविकता में जनता का जमा धन है। बनवाई गई जिसका 25% सीधा हरामखोर इंजीनियरों भारतीय प्रताड़ना सेवा के अधिकारियों से लेकर मंत्री मुख्यमंत्री तक ने हजम किया। यहां तक तो ठीक था। परंतु उस चोगुनी लागत की बसुली जनता से की जा रही है। प्रदेश की 90% सड़कों को जो बीओ टी के अंतर्गत है उन पर लूट तो हर साल 7% की दर से बढ़ा दी जाती है। जबकि उनकी भारी वसूली के बाद में भी उनका पिछले 15 सालों में 33% वार्षिक की दर से पुन: नवीनीकरण और मरम्मत नहीं की जाती। इसी प्रकार एक नई योजना, 5 गुना ज्यादा कीमत की महात्वाकांक्षी योजना इंदौर भोपाल एक्सप्रेस हाईवे की है।
इस रु 6000 करोड़ के इंदौर भोपाल एक्सप्रेस हाईवे का पूर्णता विरोध करें। क्योंकि इस हाईवे के बन जाने के बाद ऐसा तो नहीं होगा कि इस हाईवे पर चालक एक वाहन के साथ जाते ही आधा घंटे में इंदौर उतर जाएगा। कितनी स्पीड से गाड़ी दौड़ा लेगा। सड़कपर 180 किलोमीटर में। क्या रॉकेट की स्पीड से 400 किलोमीटर की गति से तो नहीं चला सकता ना। कुछ भी बना दो सड़क को।
फिर जितने भी देश के हाईवे हैं उन पर प्रतिवर्ष पूर्व की अपेक्षा दुर्घटनाओं की दर भी 10से 20 गुना हो गई जहां पहले साल भर में 25-50 मरते थे अब वहां 800 से 1200 प्रतिवर्ष दुर्घटनाओं में अपनी जान गवा रहे हैं इसको भी समझें।
आखिर रु 6000 करोड़ के इंदौर भोपाल एक्सप्रेस हाईवे बनाने का औचित्य क्या है और उससे क्या होगा?
भाजपा और भेड़िया झुंड पार्टी ने मध्य प्रदेश में 15 साल शासन किया। स्वाभाविक सी बात थी सारे नेताओं के अपने खास चंगू मंगू ठेकेदार जिनकी 15 साल पहले कोई औकात नहीं थी। वह हजारों करोड़ की संपत्ति के मालिक बन गए जैसे कि दिलीप बिल्डकॉन यह पूर्व मुख्यमंत्री शिव चौहान झूठे, जालसाज, फरेबी, घोर आपराधिक मानसिकता के डकैत, श्रीमती साधना सिंह पति शिवराज सिंह का का खास था। जिसके सामने शिवराज सिंह की भी नहीं चलती थी। प्रदेश के सड़क डकैत निगम के भी उसके पास हजारों करोड़ के ठेके थे और लोक निर्माण विभाग के भी। उसने प्रदेश में कई खनन निरीक्षकों की हत्याएं भी करवाई उसका नाम भी आया। भेिडयों की प्रदेश के लट्ठेत सत्ता धीश डकैत शिवराज का खास होने के कारण बचा लिया गया। यह स्टेट एक्सप्रेस हाईवे जनधन के रुपए 6000 करोड़ से बनाने के बाद क्या खास हो जाएगा। बेशक वे सभी भारतीय प्रताड़ना सेवा के अधिकारियों भेड़िया झुंड के नेताओं मंत्रियों जिन्होंने उस हाईवे के दोनों तरफ जमीनें खरीद रखी हैं। जमीने जो मिट्टी के भाव पड़ी हुई है। मोती के भाव बिक जायेंगे या उनकी कीमतें हो जाएंगी। वर्तमान में जो इंदौर भोपाल स्टेट हाईवे बी ओ टी के अंतर्गत कार्य कर रहा है।वह अभी 4लाइन है। ज्यादा से ज्यादा उसको 6-8 लाइन करने से भी काम हो ही जायेगा। जो केवल 500 करोड से ही पूरा हो जाता। दूसरी तरफ आखिर इंदौर भोपाल बी ओ टी सड़क के ऊपर बैंक 800 करोड कि बैंक गारंटी म प्र सरकार ने ही दी है। अगर वर्तमान सड़क बंद की जाएगी तो 800 करोड़ का वह घाटा भी मप्र सरकार के हिस्से में ही आएगा। डूबंत ऋण का भुगतान भी जनधन से ही करना पड़ेगा मध्य प्रदेश सरकार को। साथ ही 180 किलोमीटर लंबी सड़क हजारों किसानों की सैकड़ों एकड़ खेती की जमीन अधिग्रहित कर बर्बाद की जाएगी। आखिर क्या उस खेती की जमीन की भरपाई की जाएगी। जो हमेशा के लिए बर्बाद हो जाएगी। यह धूर्त मक्कार धन के भूखे जिनकी टांगे कबर में लटक रही है। कब समझेंगे?
यथार्थ में एक दो हजार करोड़ के इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य रु 3 से 4000 करोड़ हजम करना है। जाने से पहले उस धूर्त मक्कार भेड़िए शिवराज ने अपने खास और यदि सच लिखॆं तो जनता को हजम नहीं होगा। दिलीप सूर्यवंशी को ठेका दिया। 15 साल से भूखे बैठे कांग्रेश के बंगाली भूखों को भी उसे देखकर लार टपकने लगी और वह भी हुआ हुआ चिल्लाते इन के साथ शामिल होकर प्रदेश की जनता का 6000 करोड़ पर बर्बाद करने को तैयार हो गए।
सरकार के पास कर्मचारियों अधिकारियों को बांटने का वेतन नहीं है। पर 6000 करोड़ रुपए मुफ्त में बर्बाद करने को तैयार हैं। सबसे पहले इस कमलनाथ को दिलीप सूर्यवंशी के 15 साल में किए गए भारी घोटालों, मजदूरों, खनन निरीक्षक व अन्य की हत्या के अपराधों की जांच कर उसे अंदर करना चाहिए। ई टेंडरिंग घोटाले में भी उसने कई ठेके उसी जालसाजी से लिए उसमें भी उसे लपेटे में लेकर अंदर करना चाहिए और उसके ऊपर लोकायुक्त आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो की भी जांच कराई जानी चाहिए साथ में पिछले 15 सालों में शिवराज ने इस ठेकेदार को कहां-कहां के ठेके दिए उन सब की जांच भी बारीकी से होनी चाहिए इसके विपरीत भेडियों झुंड पार्टी के भेडियो के साथ मिलकर कमलनाथ ने भी हुआ हुआ कर उस 6000 करोड़ के एक्सप्रेस हाईवे में अपना मोटा हिस्सा देख कर उसको विकसित करने की ठान ली।
घर में नहीं है दाने, अम्मा चली भुनाने।
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